ख़ामोशियाँ
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शीर्षक गीत “ख़ामोशियाँ” में अरिजीत सिंह ने रोमांस का ऐसा रस घोला है जो गीत को ख़ुशनुमा सा एहसास देता है। “तू हर लम्हा” को अरिजीत ने दिल में डूबकर गाकर इसकी सरल बोलों को भी असरदार बना दिया है। “बातें ये कभी ना” से अरिजीत ने हैट्रिक मारा है जिसमें उनका प्रेम, मिलन, तड़प और बिछड़न का चिर-परिचित अंदाज़ है। इसी गीत को गायिका पलक ने भी अपनी सुरीली आवाज़ दी है। फ़िल्म के थीम पर आधारित “क्या खोया” में एक विचित्र दुविधा का एहसास है। तीन रूपों में गाये गए “भींग लूँ मैं” में मादकता के साथ-साथ एक रहस्य्पूर्ण एहसास भी है।